बेपरवाह स्वामी, नाराज भाजपा
स्वामी ने पार्टी की हिदायतों को दरकिनार कर वित्त मंत्रालय के अफसरों के बाद अब नेताओं व मंत्रियों पर निशाना साधना शुरू किया है उससे पार्टी में गहरी नराजगी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बड़बोलेपन को लेकर अब उनकी ही पार्टी असहज महसूस करने लगी है। उनकी भाषा और मंशा दोनों ही भाजपा नेतृत्व को नहीं पच रहे हैं। स्वामी ने पार्टी की हिदायतों को दरकिनार कर वित्त मंत्रालय के अफसरों के बाद अब नाम लिए बगैर जिस तरह नेताओं व मंत्रियों पर व्यक्तिगत निशाना साधना शुरू किया है उससे पार्टी में गहरी नाराजगी है। जल्द ही सीधे तौर पर उन्हें चेतावनी के सुर में नसीहत दी जा सकती है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम पर स्वामी के हमले के मद्देनजर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने स्वामी का नाम लिए बगैर अनुशासन में रहने और सोच समझकर बयान देने की सलाह दी थी। इसी सलाह पर भड़के स्वामी ने वित्त मंत्री जेटली पर शुक्रवार को खुलकर हमला करते हुए ट्वीट किया।
उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा, 'बिना मांगे मुझे अनुशासन और नियंत्रण की सलाह देने वाले लोग यह नहीं समझ रहे कि यदि मैंने अनुशासन की उपेक्षा की तो तूफान आ जाएगा।' उन्होंने ब्लडबाथ (खून की नदी) शब्द का उपयोग किया।
इससे पहले के एक ट्वीट में उन्होंने मंत्रियों के पहनावे को लेकर व्यंग किया था। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा को विदेश जाने वाले अपने मंत्रियों को पारंपरिक और आधुनिक भारतीय वस्त्र पहनने का निर्देश देना चाहिए। कोट और टाई में वे वेटर लगते हैं।' परोक्ष रूप से यह भी पार्टी के शीर्ष मंत्रियों पर ही निशाना था।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बीजिंग गए वित्तमंत्री अरुण जेटली की फोटो भारतीय अखबारों में छपी है। भाजपा सूत्रों के अनुसार इस तरह की भाषा और बेवजह बयानों से पार्टी का भी नुकसान होता है। खासतौर पर तब जबकि बड़बोले स्वामी परोक्ष रूप से यह इशारा भी करते रहते हैं कि उनके सिर पर संघ का हाथ है और वह सीधे प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष से बात करते हैं।
पार्टी सूत्रों का मानना है कि अब पानी सिर से ऊपर जाने लगा है और इसलिए उन्हें सही स्तर से खरे-खरे शब्दों में निर्देश दिया जाएगा।