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कश्मीर से जरूरत आधारित नहीं,बल्कि चाहते हैं जज्बाती रिश्ता : राजनाथ सिंह

कश्मीर की धरती से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दो टूक कहा कि आप अपने नाम को बदनाम न होने दें। बयानों की आड़ में नापाक हरकत नहीं करने की अपील की।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 02:06 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 06:41 AM (IST)
कश्मीर से जरूरत आधारित नहीं,बल्कि चाहते हैं जज्बाती रिश्ता : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। दो दिन के श्रीनगर के दौरे के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को साफ-साफ कह दिया कि कश्मीर के मुद्दे पर वो किसी गलतफहमी में न रहे। उन्होंने कहा कि कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है।लिहाजा किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का सवाल ही नहीं पैदा होता है। भारत सरकार कश्मीर से जरुरत पर नहीं बल्कि जज्बात आधारित रिश्ता चाहते हैं। उन्होंने सुरक्षाबलों को भी निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी तरह से प्रताणित न किया जाए, लेकिन आतंकियों के साथ किसी तरह की नरमी भी नहीं बरतने की जरुरत है। आप को बताते हैं गृहमंत्री राजनाथ सिंह के वो 10 बयान जिसे उन्होंने कश्मीर दौरे के दौरान कहा।

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- पाकिस्तान अपने नजरिए में लाए बदलाव

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को अब अपने नजरिए में बदलाव करने की जरुरत है। वो एक तरफ पाक वादे करता है। लेकिन दूसरी तरफ उसके सभी काम नापाक होते हैं।

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- हिंसा बंद करे पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पूरी तरह से हिंसा के लिए जिम्मेदार है। जम्मू-कश्मीर की जनता शांतिप्रिय है। लेकिन पड़ोसी देश को ये रास नहीं आता है। घाटी के कुछ गुमराह नौजवानों के कंधों पर बंदूक रखकर वो अपने मंसूबों को कामयाब करना चाहता है। लेकिन भारत पाकिस्तान के इरादों को कामयाब नहीं होने देगा। पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है, उसे ये बात समझनी चाहिए।

- तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं

गृहमंत्री ने पाकिस्तान को साफ तौर पर संदेश दिया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही बातचीत होगी। किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

- कश्मीर के साथ भावनात्मक रिश्ता की जरुरत

उन्होंने कहा कि भारत सरकार पर ये आरोप लगाया जाता है कि भारत सरकार जरुरत के मुताबिक कश्मीर के लोगों के साथ डील करती है। लेकिन सच ये है कि भारत के लिए कश्मीर सिर्फ भूभाग नहींस बल्कि पूरा देश भावनात्मक तौर से जुड़ा है। सरकार की भी मंशा साफ है कि जरुरत आधारित रिश्ते की जगह भावनात्मक रिश्ता और मजबूत हो।

-सुझाव देने की अपील

गृहमंत्री ने कश्मीर के मुद्दे पर घाटी के लोगों के साथ-साथ देश के दूसरे हिस्से के लोगों से भी सुझाव देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ आम लोग भी आगे आएं ताकि कश्मीर में जारी हिंसा को दूर किया जा सके।

-आतंकवाद नहीं करेंगे बर्दाश्त

कश्मीर समस्या के मुद्दे पर भारत सरकार खुले मन से लोगों की प्रतिक्रियाओं पर अमल करने के लिए तैयार है।लेकिन किसी को मनमर्जी की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सरकार आतंक के किसी भी रूप का न तो समर्थन करती है न ही करेगी।

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- बातचीत के लिए तैयार

भारत सरकार कश्मीर के सभी संगठनों से बातचीत करने के लिए तैयार है। भारत सरकार की नीतियों में न तो पूर्वाग्रह है न ही वो चाहती है कि किसी एक संगठन की कीमत पर दूसरे को बढा़वा मिले। भारतीय संविधान के दायरे में सरकार सभी संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है।

- पैलेट गन का हो कम से कम इस्तेमाल

भारत सरकार ने सुरक्षा बलों के पैलेट गन के कम से कम इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पैलेट गन के इस्तेमाल पर संसद में भी कई दलों ने आपत्ति दर्ज की थी। सरकार ने सभी दलों की चिंता को ध्यान में रखकर एक समिति का गठन किया है, जो दो महीने के अंदर रिपोर्ट देगी।

- AIIMS में घायलों का हो सकता है इलाज

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में प्रदर्शन के दौरान घायल लोगों के इलाज के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है। जो लोग कश्मीर घाटी के बाहर इलाज कराना चाहते हैं। सरकार उनका एम्स में बेहतर इलाज कराने के लिए तैयार है।

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