सपा में मचे घमासान के बीच बोले सीएम-शिवपाल, नेताजी का हर फैसला मंजूर
सियासत में मुकाबला सिर्फ गैरों से ही नहीं होता है। बल्कि राजनीति की राह पर अपने भी गैरों की भूमिका में कभी कभी आ जाते हैं। यूपी की समाजवादी पार्टी इन दिनों आपसी कलह का सामना कर रही है।
नई दिल्ली। यूपी में समाजवादी पार्टी के अंदर खींचतान तेज हो गयी है। शिवपाल यादव से मनमुटाव पर सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने कुछ फैसले किए हैं जिनमें नेताजी की सहमति थी, लेकिन कुछ ऐसे भी फैसले हैं जिनमें आप को खुद का दिमाग इस्तेमाल करना पड़ता है। लिहाजा कुछ फैसले उन्होंने अपने दिमाग से भी किए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के अंदर विरोध हो सकता है। लेकिन परिवार के अंदर किसी तरह का विरोध नहीं है। नेताजी जो कहते हैं उससे सभी लोग बंधे हुए हैं। वो जो कुछ कहेंगे हम उनकी बातों का अक्षरश: पालन करेंगे।
'नेताजी पर है भरोसा'
मंत्रीपद छिनने के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें नेताजी (मुलायम सिंह यादव) पर भरोसा है। नेताजी का जो भी आदेश होगा उसे वो स्वीकार करेंगे। शिवपाल यादव ने कहा कि मंत्रिमंडल में किसे रखना है और किसे बाहर करना है,ये सीएम का विशेषाधिकार है। इस मुद्दे पर उनके पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। जहां तक बात इस्तीफे की है उस पर अटकल लगाने की जरूरत नहीं है।
शिवपाल-अखिलेश यादव में खींचतान
मंगलवार को एक बड़े उलटफेर में सीएम अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को उनके सभी पदों से हटा दिया था। चुनाव में पार्टी का चेहरा रहने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ से संगठन की कमान लेकर शिवपाल यादव को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
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इसके जवाब में देर शाम मुख्यमंत्री ने मंत्री शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग ले लिए। इसको लेकर शिवपाल ने अपनी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन सपा के अति महत्वपूर्ण सूत्रों का कहना है कि वह अपमान को सहन नहीं करेंगे और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे।
दो मंत्रियों की बर्खास्तगी से बढ़ गई बात
पार्टी में बदलाव की पटकथा सोमवार को उसी वक्त से लिखी जाने लगी थी, जब पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की सहमति के बगैर ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने दो मंत्री बर्खास्त कर दिए थे। सोमवार की रात और फिर मंगलवार की शाम मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह के बीच घंटों बैठक चली। इस दौरान शिवपाल यादव के पार्टी संगठन के अनुभवों का लाभ उठाने का फैसला किया गया।
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शिवपाल यादव को संगठन की दी गई कमान
विधानसभा के आगामी चुनाव को देखते हुए प्रदेश पार्टी संगठन की भूमिका बहुत अधिक बढ़ जाएगी। बताया गया कि मुख्यमंत्री अखिलेश जल्दी ही चुनावी रथयात्रा लेकर पूरे प्रदेश का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान संगठन में शिवपाल की भूमिका का महत्व बढ़ जाएगा। इसके बाद फैसला लिया गया कि अखिलेश मुख्यमंत्री रहें। संगठन का कामकाज शिवपाल संभालेंगे। इसकी घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर की।
दो ध्रुव बन जाने से चुनाव के दौरान बढ़ेगा टकराव !
बताते हैं कि अखिलेश से तनातनी कम करने के लिए पार्टी ने प्रदेश में संगठन की कमान शिवपाल को सौंपी है। लेकिन विधानसभा के आगामी चुनाव में पार्टी में दो ध्रुवों के बन जाने से टकराव भारी पड़ सकता है। सपा के भीतर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कई मुद्दों पर तकरार जग जाहिर होती रही है। पिछले दिनों दो मंत्रियों की बर्खास्तगी को लेकर शिवपाल ने सख्त नाराजगी जताई, जिसे मुलायम सिंह ने काफी गंभीरता से लिया और उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इसी तरह सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था और मंगलवार को वरिष्ठ आइएएस दीपक सिंघल को मुख्य सचिव के पद से हटा दिया। माना जा रहा है कि सिंघल शिवपाल यादव के खास थे।
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राहुल भटनागर नए मुख्य सचिव
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मंत्रियों को बर्खास्त किये जाने के अगले ही दिन मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया। वह इसी वर्ष सात जुलाई को मुख्य सचिव बनाये गये थे और महज सवा दो माह में ही उनकी छुट्टी कर दी गयी। सिंघल को मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली और अध्यक्ष पिकप, उत्तर प्रदेश के पद से भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सिंघल की जगह 1983 बैच के आइएएस राहुल भटनागर को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। भटनागर के पास पिकप और प्रमुख सचिव स्थानिक आयुक्त का भी दायित्व रहेगा।
शिवपाल से छीने गए विभाग
-सार्वजनिक निर्माण
-सिंचाई विभाग
-राजस्व
बाकी बचा विभाग
-समाज कल्याण
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