देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर, एमपी में अब तक 22 लोगों की मौत
देश के कई हिस्सों में हो रही भारी बारिश से कई क्षेत्रों में बाढ़ के जैसे हालात हो गए हैं वहीं पहाड़ी राज्यों में हो रहे भूस्खलन से सड़क मार्गों में आवाजाही प्रभावित हुई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के कई हिस्सों में हो रही भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन कर आई है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में बाढ़ की सी स्थिति बनी हुई है। पिछले कई दिनों से सिक्किम, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के तमाम इलाकों में रुक-रुककर जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है।
मध्य प्रदेश में 22 की मौत
मध्य प्रदेश में इस बार बारिश ने ऐसा कहर बरपाया है कि कुछ जिलों में तो लोग कराह उठे हैं। भारी बारिश के कारण अब तक लोगों की जान चली गई हैँ। राजधानी भोपाल सहित सतना, दामोह, जबलपुर, मुरैना, होशंगाबाद, रायसेन, हरदा, छतरपुर में आम जनता का हाल अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग ने भी इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर रखी है। राजधानी भोपाल में लगातार हुई बारिश से हाल- बेहाल हो गए। शहर की निचली बस्तियों में पानी भर गया।
असम में बाढ़ से लाखों प्रभावित
असम में बाढ़ के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। राज्य के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव का कार्य जारी है। कई लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है।
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महाराष्ट्र: भारी बारिश से कोंकण और विदर्भ में बाढ़ जैसे हालात
पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र में मानसून फिर एक बार सक्रिय हो गया है। कोंकण में मुसलाधार बारिश से कई नदियों बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। विदर्भ के गढ़चिरौली जिले में बाढ़ की वजह सैकड़ों गावों का संपर्क टूटा है। कोल्हापुर में इस मौसम में पहली बार पंचगंगा नदी में बाढ़ आई है। कोंकण के रत्नागिरी में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हुई है।
सिक्किम: भू-स्खलन से जलमग्न हुआ एनएच-10
आये दिन हो रही बारिश व भू-स्खलन से लाइफलाइन कहा जाने वाला राष्ट्रीय राज्यमार्ग-10 की स्थिति दिनो दिन जर्जर होती जा रही है तथा यह महत्वपूर्ण रास्ता रोजाना मुसाफिरो के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। कल से हो रही लगातार बारिश के चलते राज्यमार्ग के रम्बी क्षेत्र के अतर्गत गेलखोला मे सड़क का करीब 8 मीटर लंबा तथा 3 मीटर चौड़ा हिस्सा तीस्ता नदी मे समा गया। ज्ञात हो कि मूसलाधार वर्षा से तीस्ता का जलस्तर भी बढा हुआ है। दूसरी ओर सुबह 29 माइल के रंबी क्षेत्र मे भू-स्खलन के चलते पहाड़ का मलवा सड़क पर आ गया जिसके चलते एनएच-10 दो घंटे बाधित हो गया।
उत्तर में प्रमुख नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि
उत्तर प्रदेश के अनेक भागों में भारी बारिश के कारण प्रमुख नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और शारदा तथा केन नदियां क्रमश: पलिया कलां और बांदा में खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। इस बीच प्रशासन ने केन नदी के बढ़ने पर तटवर्ती इलाको में रह रहे लोगों को वहां से निकालने का काम शुरू कर दिया है इलाहाबाद,मिर्जापुर,वाराणसी,गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी बढाव की ओर अग्रसर है वहीं शाहजहांपुर में रामगंगा, हमीरपुर,बांदा और इलाहाबाद में यमुना के जलस्तर में बढोत्तरी दर्ज की जा रही है। सीतापुर,लखनऊ और सुल्तानपुर में मामूली बारिश के बावजूद गोमती नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है।
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उत्तराखंड: पहाड़ी इलाकों में बारिश से बढ़ा और भूस्खलन का खतरा
राज्य में बारिश के मिजाज ने राज्य में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ की वजह से 1 जुलाई से अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिसमें सर्वाधिक नुकसान पिथौरागढ़ में हुआ है। कुमाऊं क्षेत्र के बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में बारिश से काफी जान-माल का नुकसान हुआ है। राज्य के जंगलों में लगी भीषण आग से भी भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। इस वजह से राज्यभर में कई नए भूस्खलन जोन सक्रिय होने का खतरा है।
हिमांचल: कांगड़ा, सिरमौर, सोलन व शिमला में भारी बारिश की चेतावनी
प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों में सोमवार व मंगलवार को भारी बारिश की मौसम विभाग ने संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी हवाएं सक्रिय हुई हैं।