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जाकिर नाइक पर कसा शिकंजा, पीस टीवी का यूआरएल हुआ ब्लॉक

नफरत की बोल बोलने वाले जाकिर नाइक पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कस दिया है। पीस टीवी के यूआरएल को ब्लॉक कर दिया गया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2016 12:54 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2016 08:05 AM (IST)
जाकिर नाइक पर कसा शिकंजा, पीस टीवी का यूआरएल हुआ ब्लॉक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी आतंकियों के प्रेरणास्रोत बने विवादित मुस्लिम धर्मोपदेशक जाकिर नाईक की 'बोलती' बंद कर दी है। भारत में न सिर्फ नाईक की वेबसाइट का यूआरएल ब्लॉक कर दिया गया है, बल्कि उसके चैनल पीस टीवी को भी नहीं दिखाने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। सूचना व प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। लाइसेंस नहीं होने के बावजूद पीस टीवी को केबल ऑपरेटर धड़ल्ले से दिखा रहे हैं। ऐसे ऑपरेटरों को प्रसारण उपकरण जब्त करने सहित कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस बीच, जाकिर के खिलाफ कार्रवाई के राजनाथ सिंह के भरोसे के बाद गृह मंत्रालय ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) को मिले विदेशी अनुदान की जांच शुरू कर दी है।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि विदेशी अनुदान के दुरुपयोग के आरोप साबित हुए तो संस्था पर सख्त कार्रवाई होगी। विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत आइआरएफ का लाइसेंस रद भी किया जा सकता है। शुक्रवार को सूचना व प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने साफ कर दिया कि बिना लाइसेंस वाले चैनल दिखाने वाले केबल ऑपरेटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में देशभर के सभी केबल ऑपरेटरों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को एडवाइजरी भी जारी की जा रही है। सरकार ने जाकिर नाईक के पीस टीवी के यूआरएल को ब्लॉक कर दिया है। इसके साथ ही उसके वीडियो क्लीप को ब्लॉक करने के लिए यूट्यूब से भी बात की जा सकती है।

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नाईक के खिलाफ ज्ञापन पर आठ लाख लोगों ने किए हस्ताक्षर

जाकिर के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को एक ऑनलाइन ज्ञापन सौंपा गया है। इस पर आठ लाख से अधिक लोगों ने दस्तखत किए हैं। इसमें आइआरएफ के लाइब्रेरियन के लश्कर की धमाके करने वाले सेल के अहम सदस्य होने की जांच की मांग की गई है। इसके अलावा मुंबई के सबसे भयानक हमले 26/11 के आरोपी डेविड हेडली के पास भी आइआरएफ के नंबर मिले थे। हेडली लश्कर ए तैयबा के लिए काम करता था। इससे जाकिर के ओसामा बिन लादेन और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के संपर्क में होने का संदेह पैदा होता है। इसके साथ ही 2008-09 के दौरान इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के यहां मारे गए छापे में जाकिर के सीडी बड़ी संख्या में मिलने की बात भी कही गई है। ज्ञापन के अलावा गृह मंत्रालय को जाकिर के खिलाफ दूसरी जगहों से भी शिकायतें मिल रही हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक ऐसी 100 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। इन शिकायतों के मुताबिक, जाकिर आइआरएफ में लगातार ऐसी सभाएं किया करता है, जिनमें धर्म परिवर्तन पर जोर होता है। इस दौरान वह युवाओं को आतंकवाद के प्रति आकर्षित भी करता है।

गौरतलब है कि जाकिर के कट्टर भाषणों को देखते हुए ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया उस पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुके हैं।

मुंबई पुलिस ने बनाई स्पेशल टीम

जाकिर के भाषणों की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को स्पेशल टीम का गठन कर दिया। विवादित मुस्लिम धर्मोपदेशक के सऊदी अरब में होने के कारण फिलहाल यह टीम उसके नजदीकी लोगों से पूछताछ कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जाकिर 11 जुलाई को सऊदी अरब से लौट रहा है। इसके बाद ही उससे पूछताछ हो सकेगी। फिलहाल स्पेशल टीम उसके करीबी लोगों से जानकारी हासिल करेगी। उक्त अधिकारी के अनुसार, टीम में साइबर विशेषज्ञ भी हैं, जो जाकिर के भाषणों की सीडी की जांच करेंगे। पुलिस उसके यूट्यूब पर भाषणों के अलावा उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के भी दस्तावेजों की जांच करेगी। ध्यान रहे कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को ही जाकिर के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।

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