'सामना' में सुधींद्र कुलकर्णी पर बरसी शिवसेना, की आतंकियों से तुलना
सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतने पर हो रही आलोचनाओं से अप्रभावित शिवसेना ने आज इस मसले पर एक कदम आगे बढ़कर उनकी तुलना आतंकियों से कर दी। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने उन्हें मुंबई पर 26/11 आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब से जोड़ते
मुंबई। सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतने पर हो रही आलोचनाओं से अप्रभावित शिवसेना ने आज इस मसले पर एक कदम आगे बढ़कर उनकी तुलना आतंकियों से कर दी। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने उन्हें मुंबई पर 26/11 आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब से जोड़ते हुए लिखा कि भारत को आतंकवादियों से उतना खतरा नहीं है जितना इनके जैसे लोगों से है। शिवसेना ने कहा कि वह पाकिस्तान के खिलाफ अपने रूख में कोई बदलाव नहीं करेगा, चाहे उसकी जितनी भी आलोचना हो और उसे बदनाम किया जाए ।
‘सामना’ में शिवसेना ने अपनी इस करतूत को सही बताते हुए लिखा है कि जैसे ही सुधीन्द्र कुलकर्णी के चहरे पर स्याही पोती गई, उन्होंने तत्काल अपनी फोटो सोशल नेटवकि’ग साइट पर डाल दी और आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे शिवसेना है । हम उनके आरोपों से सहमत हैं । देशभक्त होना और देश की सुरक्षा करना महाराष्ट्र का काम है और हम अपना काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा, ‘ देश की सम्प्रभुता के समक्ष वास्तविक खतरा उग्रवादियों या आतंकवादियों के कारण नहीं है बल्कि कुलकर्णी जैसे लोगों से है । इनके जैसे लोग हमारे देश का गला काटने पर उतारू हैं। जब उनके जैसे लोग यहां मौजूद हों, तब पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए कसाब जैसे लोगों को भेजने की जरूरत नहीं है।
संपादकीय में कहा गया है कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जिसमें ऐसा लगता है जैसे खुर्शीद कसूरी शांति के दूत या कोई महात्मा हों और शिवसेना ने उनका विरोध करके कोई अपराध कर दिया हो। हालांकि, चाहे हमारी कितनी भी आलोचना हो या छवि खराब की जाए, हम पाकिस्तान के खिलाफ अपने रूख में कोई बदलाव नहीं करेंगे। इसमें कहा गया है कि बेहतर होता कि जो सुरक्षा कसूरी को प्रदान की गई, उसका उपयोग मुंबई के नागरिकों की सुरक्षा में किया जाता। इस पर संपादकीय में राज्य के सीएम देवेंद्र फड़नवीस पर चुटकी लेते हुए लिखा गया है कि इतनी गनीमत थी कि उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने सेना को नहीं बुलाया। यह कसूरी कौन है? आज वह दूसरे सुर में बोल रहे हैं लेकिन जब वह सरकार में थे, तब भारत के खिलाफ सभी अलगावादियों को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
इस लेख में कहा गया है कि कुछ लोग चाहते हैं कि भारतीय आपस में ही लड़े और कुलकर्णी जैसे लोग उनके एजेंडे को पूरा करने में योगदान कर रहे हैं। यह वही कुलकर्णी है जिसने बैरिस्टर जिन्ना के बारे में बोला था और भाजपा की कब्र खोदी थी, और 2008 में विश्वास मत के दौरान नोट के बदले वोट घोटाले के कारण उन्होंने भाजपा का सिर शर्म से झुकाया। कुलकर्णी को जेल जाना पड़ा और एल के आडवाणी को उनके कारण असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। शिवसेना ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस से कुलकर्णी जैसे पाकिस्तानी एजेंट से सावधान रहने को कहा।
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