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महिलाअों की सुरक्षा के लिए अब हर गांव में होगी 'महिला पुलिस वालंटियर'

राष्ट्रीय पेज के लिए ---------------------- -मुसीबत मे फंसी महिला और पुलिस के बीच बनेगी कड़ी -केद्र ने सभी राज्यो और केद्र शासित राज्यो से मांगा राय ---------------------- नई दिल्ली, प्रेट्र : केद्र ने मुसीबत मे फंसी महिला और पुलिस के बीच एक कड़ी बनाने के लिए हर गांव मे एक विशेष महिला सुरक्षा अधिकारी तैनात कर

By Edited By: Published: Mon, 12 Oct 2015 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 05:18 AM (IST)
महिलाअों की सुरक्षा के लिए अब हर गांव में होगी 'महिला पुलिस वालंटियर'

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नई दिल्ली। केद्र ने मुसीबत में फंसी महिला और पुलिस के बीच एक कड़ी बनाने के लिए हर गांव मे एक विशेष महिला सुरक्षा अधिकारी तैनात करने की योजना बनाई है। बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय, एमपीवी,

इसकी पहल महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से की है। मंत्रालय ने इस योजना पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से फीडबैक और राय देने को कहा है। महिला और बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विशेष सुरक्षा अधिकारी 'महिला पुलिस वालंटियर' (एमपीवी) एक महिला होगी जिसकी उम्र 21 साल से अधिक होगी। जिसका कोई राजनीतिक जुड़ाव नही होगा और जो न्यूनतम 12वी पास होगी। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं को ज्यादा शक्ति देने का अवसर है।

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एक साल बाद सर्वश्रेष्ठ वालंटियरों को पुरस्कृत किया जाएगा। इससे महिला सुरक्षा मे बड़ा फर्क आएगा। अधिकारी ने बताया कि एमपीवी की नियुक्ति हर गांव मे होगी। वे महिला या लड़कियों और बच्चों के खिलाफ किसी भी अप्रिय घटना के बारे मे पुलिस को सूचित करने और सामुदायिक जागरुकता मे अहम भूमिका निभाएंगी। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों में एमपीवी की नियुक्ति दिशा-निर्देश को अंतिम रूप देने के लिए गृह मंत्रालय के साथ विचार विमर्श किया है।

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उन्होंने बताया कि वालंटियर लापता बच्चों, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न, मानव तस्करी और पब्लिक व प्राइवेट स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ दूसरे अपराधों की सूचना देगी। वे महिला, पुलिस और बाल हेल्पलाइन नंबरों के बारे मे भी जागरुकता फैलाएंगी। इस योजना के पहले चरण का क्रियान्वयन पायलट आधार पर महिलाओं के खिलाफ ज्यादा अपराध और खराब बाल लिंग अनुपात वाले गांवों में किया जाएगा। महिला और बाल विकास मंत्रालय एक वेबसाइट भी लांच करेगी जिस पर एमपीवी के नाम होंगे।

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