किन्नर कैदियों के लिए केरल की जेल में होगा अलग ब्लाक
किन्नर कैदियों के मानवीय हितों की रक्षा के लिए उन्हें त्रिचुर की अति सुरक्षित जेल में रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे लोगों को अलग पहचान मिलने के बाद ऐसा किया गया है । साथ ही केरल सरकार तीसरे लिंग के हितों के लिए ट्रांसजेंडर बिल पर भी काम कर
तिरुवनंतपुरम। किन्नर कैदियों के मानवीय हितों की रक्षा के लिए उन्हें त्रिचुर की अति सुरक्षित जेल में रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे लोगों को अलग पहचान मिलने के बाद ऐसा किया गया है । साथ ही केरल सरकार तीसरे लिंग के हितों के लिए ट्रांसजेंडर बिल पर भी काम कर रही है ।
किन्नरों के लिए बनाई जा रही ये जेल विय्युर सेट्रंल जेल के साथ ही होगी। जेल अधिकारियों ने बताया कि कैदियों के लिए खास कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। उन्हें वैसी ही सुविधा मिलेगी जैसी एनआईए के कैदियों को दी जाती है। राज्य जेल विभाग ने किन्नरों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें अलग जेल में रखने का फैसला किया है।जेल अधिकारी ने इस कदम को ऐतिहासिक और सराहनीय बताया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को समाज का विरोध भी झेलना पड़ता है। हाई सिक्योरिटी जेल के स्पेशल ऑफिसर के अनिल कुमार का कहना है कि किन्नरों को या तो पुरुषों की जेल में रखा जाता है या फिर महिलाओं की जेल में। कई कैदियों द्वारा तो उनका शारिरीक और मानसिक शोषण भी किया जाता है। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करते हैं। उम्मीद है कि नई जेल के बनने से ऐसे कैदियों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
आंकड़ों की मानें तो केरल की 52 जेलों में करीब 8000 कैदियों में 20 से 30 किन्नर कैदी हैं। अधिकारी ने बताया कि इस तीन मंजिला जेल में सर्विलांस सिस्टम और सुरक्षा की खास सुविधा होगी। साथ ही कैदियों के लिए वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी यहां मौजूद होगी।
सुरक्षाकर्मियों के लिए यहां बायोमिट्रिक सिस्टम होगा। साथ ही पूरा जेल परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा। बता दें कि हाल ही में सामाजिक न्याय मंत्री एम के मुनीर ने कहा था कि केरल में 25 हजार से ज्यादा किन्नर हैं।
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