किसानों के ट्रेक खाली करने पर ही चलेगी समझौता एक्सप्रेस
किसान आंदोलन की आग में 1976 से भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस भी झुलस रही है। आंदोलन की समय सीमा बढ़ते देख रेलवे द्वारा समझौता एक्सप्रेस को बदले रूट से चलाने का फैसला लिया, मगर रेलवे के इस फैसले पर रविवार दोपहर नई दिल्ली में गृह मंत्रालय व
फिरोजपुर (प्रदीप कुमार सिंह)। किसान आंदोलन की आग में 1976 से भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस भी झुलस रही है। आंदोलन की समय सीमा बढ़ते देख रेलवे द्वारा समझौता एक्सप्रेस को बदले रूट से चलाने का फैसला लिया, मगर रेलवे के इस फैसले पर रविवार दोपहर नई दिल्ली में गृह मंत्रालय व सुरक्षा एजेंसियों की हुई बैठक में पानी फिर गया। इसके बाद रेलवे ने भी किसानों के ट्रैक खाली होने के बाद ही समझौता को चलाने के फैसले पर सहमति जताई।
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत समझौता एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन नई दिल्ली से अटारी और दो दिन लाहौर से अटारी के लिए चलती है। बुधवार से शुरू हुए किसानों के आंदोलन के चलते यह ट्रेन गुरुवार को नई दिल्ली से अटारी नहीं आ सकी, जिसके फलस्वरूप लाहौर से अटारी आने वाली ट्रेन भी वाघा बार्डर पर पांच घंटे इंतजार करने के बाद लौट गई।
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सूत्रों के अनुसार समझौता एक्सप्रेस को बदले रूट से चलाए जाने के रेलवे के प्रस्ताव पर गृह मंत्रलय के अधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों से जब उनकी राय पूछी, तो सुरक्षा एजेंसियों ने गाड़ी को चलाने में असमर्थता जताई। इसे देखते हुए रेलवे द्वारा इस गाड़ी को जो कि 12 अक्टूबर को नई दिल्ली से चलनी थी, रद करने का फैसला किया। फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम ने बताया कि समझौता एक्सप्रेस को बदले रूट से नहीं चलाया जाएगा। 12 अक्टूबर को भी यह गाड़ी रद रहेगी। उन्होंने बताया कि जब किसान ट्रैक खाली करेंगे, तभी समझौता एक्सप्रेस का परिचालन शुरू होगा।
किसान आंदोलन से पांचवें दिन भी प्रभावित हुईं ट्रेनें
रविवार को पांचवें दिन भी फिरोजपुर रेल मंडल के दो रेल खंडों में किसानों का संघर्ष लगातार जारी रहा। इससे रेल प्रशासन ने 29 ट्रेनों को रद करने सहित 18 ट्रेनों के रूट में बदलाव व 28 ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद करने का फैसला किया।