दाल की बढ़ती कीमतों ने उड़ाई सरकार की नींद, निर्यात पर प्रतिबंध
आम आदमी की थाली से दूर होती जा रही दाल ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। केंद्रीय उपभोक्ता विभाग के सचिव सी विश्वनाथ ने सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में जानकारी दी है। विश्वनाथ ने बताया कि हम लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में
नई दिल्ली। आम आदमी की थाली से दूर होती जा रही दाल ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। केंद्रीय उपभोक्ता विभाग के सचिव सी विश्वनाथ ने सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में जानकारी दी है। विश्वनाथ ने बताया कि हम लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में हैं और उन्हें निर्देशित किया जा रहा है कि वे जमाखोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
सी विश्वनाथ कहा कि सरकार सभी जरूरी कदम उठाते हुए जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों पर पैनी नजर रख रही है। बेलगाम दाम को नियंत्रित करने के लिए दाल के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इससे पहले खुदरा बाजार में अरहर की दाल 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए तैयारी तेज कर दी है। न केवल दालों का और आयात करने का फैसला किया गया है, बल्कि जमाखोरी पर भी उसकी पैनी नजर है। और भी कई बंदोबस्त किए जा रहे हैं। दालों की इस महंगाई के लिए अधिकतर राज्यों के लचर रवैये को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
सरकार के नए आदेश से और बढ़ेगी दालों की किल्लत
खुदरा बाजार में बीते हफ्ते तक अरहर की दाल 185 रुपये किलो में उपलब्ध थी। बीते कुछ महीनों में दालों की कीमतों में तेज उछाल आया है। घरेलू उत्पादन में कमी इसका प्रमुख कारण है। कमजोर मानसून तथा बेमौसम बारिश से फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई-जून) में दालों का उत्पादन करीब 20 लाख टन घटकर 1.72 करोड़ टन रहा।
85 रुपये से 200 रुपये किलो
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को अरहर की अधिकतम खुदरा कीमत उछलकर 200 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। बीते वर्ष की इसी अवधि में यह 85 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध थी। आंकड़े दिखाते हैं कि बीते पांच साल में अरहर दाल की कीमत 74-85 रुपये प्रति किलो के दायरे में रही है।
उड़द दाल 170 रुपये किलो
उड़द दाल के दाम भी आसमान छू रहे हैं। यह 170 रुपये किलो पर पहुंच गई है। वैसे, बीते हफ्ते के मुकाबले इसकी कीमतों में कमी आई है। तब यह 187 रुपये किलो में बिक रही थी। यह और बात है कि दरें अब भी बहुत ज्यादा है। बीते साल इसी अवधि में यह 98 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध थी।