पूजन पर भ्रम, नवरात्र में अष्टमी पूजन, हवन, व्रत कब किया जाए
नवरात्र में अष्टमी पूजन, हवन, व्रत कब किया जाए, इसे लेकर कुछ श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति है। उत्तरप्रदेश के पंचांग के अनुसार सोमवार को सप्तमी तिथि और मंगलवार को अष्टमी तिथि का उल्लेख है, जबकि छत्तीसगढ़ के पंचांग के अनुसार सप्तमी मंगलवार को और अष्टमी बुधवार को मनाने का
रायपुर। नवरात्र में अष्टमी पूजन, हवन, व्रत कब किया जाए, इसे लेकर कुछ श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति है। उत्तरप्रदेश के पंचांग के अनुसार सोमवार को सप्तमी तिथि और मंगलवार को अष्टमी तिथि का उल्लेख है, जबकि छत्तीसगढ़ के पंचांग के अनुसार सप्तमी मंगलवार को और अष्टमी बुधवार को मनाने का उल्लेख है। इसके चलते छत्तीसगढ़ में निवासरत उत्तरप्रदेश के लोग असमंजस में हैं कि आखिर दोनों तिथियों में से किस तिथि को अष्टमी मनाई जाए।
छत्तीसगढ़ से प्रकाशित देव पंचांग के ज्योतिष पं.अमिताभ शर्मा के अनुसार प्रत्येक प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से समय, काल की गणना में अंतर आता ही है। पुरानी गणना व आधुनिक गणना में भी काफी अंतर पड़ता है। अष्टमी का हवन-पूजन करने की मान्यता नवमी तिथि के संयोग में ही है। मंगलवार की रात अष्टमी तिथि लग रही है जो बुधवार की दोपहर 1.30 बजे तक रहेगी, लेकिन बुधवार को 1.30 बजे से नवमी तिथि लग रही है इसलिए अष्टमी का महत्व नवमी तिथि के संयोग में ही है। जो लोग नवरात्र की अष्टमी का हवन, पूजन या व्रत रखना चाहते हैं उन्हें अष्टमी-नवमी के संयोग वाली तिथि यानी बुधवार को अष्टमी रखना चाहिए। इसके अगले दिन भी नवमी-दशमी का संयोग है। चूंकि रावण दहन सायंकाल किया जाता है इसलिए गुरुवार को नवमी व दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाएगा।