मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी नहीं होगी भारत-पाक क्रिकेट वार्ता
मुंबई में शिवसेना के तल्ख विरोध के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने अंतत: सोमवार को पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) के साथ दोनों देशों की टीमों के बीच क्रिकेट शुरू करने पर समीक्षा बैठक रद कर दी है। लिहाजा, दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में क्रिकेट सीरिज
मुंबई। मुंबई में शिवसेना के तल्ख विरोध के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने अंतत: सोमवार को पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) के साथ दोनों देशों की टीमों के बीच क्रिकेट शुरू करने पर समीक्षा बैठक रद कर दी है। लिहाजा, दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में क्रिकेट सीरिज शुरू होने के आसार टल गए हैं।
सोमवार को दिन भर तेजी से बदले हालात में दोनों देशों के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष दिसंबर माह में क्रिकेट सिरीज शुरू करने पर बातचीत करने वाले थे। लेकिन शिवसेना ने मुंबई में हो रही बीसीसीआइ-पीसीबी की बैठक में जमकर हंगामा किया। इस कारण यह बैठक रद करनी पड़ी। बाद में यह बैठक मंगलवार को दिल्ली में होनी तय हुई जिसे अंतत: रद घोषित किया गया।
दिल्ली में यह घोषणा भाजपा सांसद और बीसीसीआइ के सचिव अनुराग ठाकुर ने की। अनुराग ठाकुर ने शिवसेना के विरोध की आलोचना करते हुए कहा, 'आप बीसीसीआइ के दफ्तर में जबरदस्ती नहीं घुस सकते। लोकतंत्र में आप विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों पर। आप किसी के आफिस, घर या मुख्यालय में नहीं घुस सकते।' इसी बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर और पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान की बैठक कराने की पेशकश की है।
पाक हाय-हाय, शहरयार खान वापस जाओ के नारे लगे
सोमवार की सुबह 11 बजे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम स्थित बीसीसीआइ मुख्यालय में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर एवं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान के बीच बैठक शुरू हुई। बैठक दोनों देशों के बीच रुके पड़े क्रिकेट संबंध पुन: शुरू करने के लिए हो रही थी। तभी 70 से अधिक शिवसैनिक भगवा और काले झंडे लहराते हुए बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर के कक्ष में जा घुसे। शिवसैनिक पाकिस्तान हाय-हाय, शहरयार खान वापस जाओ और शशांक मनोहर मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
शिवसैनिकों ने शशांक मनोहर को चेताया
शिवसैनिकों ने शशांक मनोहर को चेतावनी देते हुए कहा कि मुंबई में 26/11 के हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए। भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी हमारे सैनिक रोज मारे जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच नहीं खेले जाने चाहिए। इसके बाद पूर्व प्रस्तावित मुंबई बैठक रद हो गई और इस विषय में बैठक दिल्ली में अगले दिन करने का भी ऐलान हो गया। लेकिन मामले के राजनीतिक रंग पकड़ने के साथ ही दिल्ली की बैठक भी उतनी ही तेजी से रद कर दी गई।
गुंडागर्दी न होः भाजपा
हिरासत में लिए गए 10 शिवसैनिकों को दो-दो हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई। पुलिस शिवसेना के विरोध पर सभी दलों से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। महाराष्ट्र एवं केंद्र में शिवसेना के साथ सरकार चला रही भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि लोकतांत्रिक देश में विरोध करने का अधिकार सभी को है। लेकिन विरोध के नाम पर गुंडागर्दी नहीं की जानी चाहिए।
विपक्षी दलों ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा के विरोधी दलों को एक बार फिर इस बहाने भाजपा सरकार पर निशाना साधने का अवसर मिल गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक के अनुसार ऐसा लगता है, जैसे राज्य में जंगलराज आ गया है। इसी पार्टी के राहुल नार्वेकर ने शिवसेना को तो आड़े हाथों लिया ही, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे राजनीतिक मजबूरियों के चलते अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियां निभाने में असफल साबित हो रहे हैं। जबकि शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने अपनी पार्टी के विरोध को सही ठहराते हुए कहा कि हमने विरोध प्रदर्शन कर कोई अपराध नहीं किया है। न ही इस मुद्दे पर हमारा रुख नया है। हम देश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं, और वही कर रहे हैं जो देश के लोग सोचते हैं।
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