अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बनेंगे इलैक्ट्रिकल व्हीकल्स
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जल्द ही पेट्रोल-डीजल की जगह इलैक्ट्रिक वाहन दौड़ते नजर आएंगे। ग्रीन यूनिवर्सिटी बनने के लिए एएमयू ने कदम बढ़ा दिया है। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय से एएमयू को फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलैक्ट्रिक (एफएएमई)-2015 मिशन मिला है।
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जल्द ही पेट्रोल-डीजल की जगह इलैक्ट्रिक वाहन दौड़ते नजर आएंगे। ग्रीन यूनिवर्सिटी बनने के लिए एएमयू ने कदम बढ़ा दिया है। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय से एएमयू को फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलैक्ट्रिक (एफएएमई)-2015 मिशन मिला है। इसके तहत एएमयू में इलैक्ट्रिक वाहनों पर शोध तो होगा ही, बनाए भी जाएंगे।
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विश्व के कई देश ऐसे हैं, जहां इलैक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। पिछले दिनों सऊदी अरब में दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सौर ऊर्जा से चलने वाली कार में सफर किया था। भारत सरकार ने इसके लिए देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शोध के लिए मिशन शुरू किया है। इनमें एएमयू भी शामिल है। एएमयू के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एमटेक के छात्र शोध करेंगे। इसके लिए सोमवार को कुलपति जमीरुद्दीन ने सेंटर ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन इलैक्ट्रीफाइड ट्रांसपोर्टेशन (सीएआरईटी) का उद्घाटन किया।
ऐसे ग्रीन होगा कैंपस
विश्वविद्यालय में पेट्रोल-डीजल के वाहनों के लिए कैंपस के बाहर पार्किंग बनेगी। यहां से वाहन स्वामी इलैक्ट्रिक वाहन से कैंपस में प्रवेश करेंगे। फिर अपने वाहन तक इसी वाहन में आएंगे।
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आदमी देखकर जलेंगी स्ट्रीट लाइट
प्रस्ताव में ये भी शामिल है कि ऐसी स्ट्रीट लाइट बनाई जाएंगी, जो आदमी की मौजूदगी में ही जलेंगी। आदमी के गायब होते ही खुद बुझ जाएंगी। इलैक्ट्रिकल वाहन रात में खड़े होंगे तो उनकी बैटरी से ऊर्जा को ग्रिड में दिया जाएगा, ताकि रात में रोशनी के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके। सोलर चार्जिंग स्टेशन से इलैक्ट्रिकल वाहन चार्ज होंगे। इसके लिए 20 चार्जिंग स्टेशन और 10 पार्किग स्टेशन बनेंगे। यह टीम सौर ऊर्जा एसी पर भी काम करेगी।