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शीना बोरा मर्डर केसः CBI के नौ जगह पर छापे, इंद्राणी की न्यायिक हिरासत बढ़ी

शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआइ ने नौ जगहों पर छापेमारी की है। इनमें मुंबई, गोवा, असम, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश शामिल हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि सीबीआइ ने गुवाहाटी में मिखाइल बोरा के घर में भी छापेमारी की है। इसके साथ ही बंबई कोर्ट ने मामले

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2015 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2015 03:08 PM (IST)
शीना बोरा मर्डर केसः CBI के नौ जगह पर छापे, इंद्राणी की न्यायिक हिरासत बढ़ी

नई दिल्ली। शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआइ ने नौ जगहों पर छापेमारी की है। इनमें मुंबई, गोवा, असम, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश शामिल हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि सीबीआइ ने गुवाहाटी में मिखाइल बोरा के घर में भी छापेमारी की है। इसके साथ ही बंबई कोर्ट ने मामले की मख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और दो अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।

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तो वहीं सीबीआइ ने कोलकाता में संजीव खन्ना के घर पर छापेमारी की।

आपको बता दें कि इस चर्चित हत्याकांड की जांच अब सीबीआइ के हाथ में है। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया था।

इस मामले में मिखाइल बोरा ने कहा कि सीबीआइ ने जांच की प्रक्रिया के तहत छापेमारी की है और वो इसमें सीबीआइ की मदद कर रहे हैं।

शीना की 2012 में हुई थी हत्या


इंद्राणी की पहली शादी से पैदा 25 वर्षीय शीना की 24 अप्रैल 2012 को कथित तौर हत्या कर अगले दिन महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में जंगल में उसका शव जला कर ठिकाने लगा दिया गया था। एजेंसी ने आपराधिक षड्यंत्र, हत्या, अपहरण, सबूत नष्ट करने, जहर देकर नुकसान पहुंचाने सहित भारतीय दंड संहिता की और शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

सीबीआइ इस आरोप के तहत मामले की जांच कर रही है कि आरोपियों इंद्राणी, खन्ना और राय ने शीना की हत्या का आपराधिक षड्यंत्र रचा था। पहले मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही थी। एजेंसी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत आरोपियों ने शीना का कथित तौर पर अपहरण किया और उसकी हत्या कर उसके शव को ठिकाने लगा दिया।

मारिया को हटाकर सीबीआइ को सौंपी गई थी जांच
मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख राकेश मारिया द्वारा इस मामले की निगरानी किए जाने को लेकर कई दिनों तक चली अनिश्चितता के बाद जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्णय किया गया। मारिया को जांच के मध्य में ही हटा दिया गया था।

महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने मामले में एक स्टेटस रिपोर्ट सौंपी, जिसमें तर्क दिया गया था कि यह मामला हत्या तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वित्तीय लेनदेन संबंधित कई सवाल के जवाब नहीं मिल पा रहे हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया।


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