Move to Jagran APP

ग्रेटर नोएडा के सीईओ को सुप्रीमकोर्ट का अवमानना नोटिस

कोर्ट के आदेश के बावजूद जमीन का 64.7 फीसद बढ़ा हुआ मुआवजा और 10 फीसद विकसित भूखंड न मिलने पर ग्रेटर नोएडा के किसान एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट पहुंचे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2015 01:55 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2015 02:04 AM (IST)
ग्रेटर नोएडा के सीईओ को सुप्रीमकोर्ट का अवमानना नोटिस

माला दीक्षित, नई दिल्ली। कोर्ट के आदेश के बावजूद जमीन का 64.7 फीसद बढ़ा हुआ मुआवजा और 10 फीसद विकसित भूखंड न मिलने पर ग्रेटर नोएडा के किसान एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट पहुंचे हैं। किसानों ने ग्रेटर नोएडा अथारिटी के सीईओ के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने किसानों की याचिका पर ग्रेटर नोएडा अथारिटी के सीईओ को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले में 28 अक्टूबर को फिर सुनवाई करेगा।

loksabha election banner

ये आदेश मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने गत शुक्रवार को घरबड़ा गांव के किसान रामकिशन व दो अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किये। इससे पहले किसानों के वकील डाक्टर राजीव कुमार शर्मा ने ग्रेटर नोएडा अथारिटी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद अथारिटी ने आज तक याचिकाकर्ता किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित भूखंड नहीं दिया है।

राजीव शर्मा ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने बढ़े मुआवजे का विरोध करने वाली ग्रेटर नोएडा अथारिटी की याचिका खारिज करते हुए गत 3 फरवरी के आदेश में अथारिटी को तीन महीने के भीतर भूस्वामी किसान को 64.7 फीसद बढ़ा हुआ मुआवजा और छह महीने के भीतर 10 फीसद विकसित भूखंड देने को कहा था। इसके बाद गत 14 मई को सुप्रीमकोर्ट ने किसानों की याचिकाएं खारिज करते हुए एक बार फिर हाईकोर्ट के फुल बेंच के आदेश पर मुहर लगाई और अथारिटी को निर्देश दिया कि वह तत्काल भूस्वामी किसानों को बढ़ा मुआवजा और विकसित भूखंड दे। कोर्ट के आदेश को 8 महीने का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक अथारिटी ने बढ़ा मुआवजा नहीं दिया है। इस पर कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा अथारिटी के सीईओ व अन्य को अवमानना नोटिस जारी करते हुए अथारिटी की ओर से पेश वकील रविन्द्र कुमार से पूछा कि ये क्या हो रहा है। रविन्द्र कुमार ने कोर्ट का नोटिस स्वीकार करते हुए कहा कि अभी उन्हें याचिका की कापी नहीं मिली है वे याचिका देखने के बाद जवाब दाखिल करेंगें। कोर्ट ने मामले को 28 अक्टूबर को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है।

पढ़ेंः भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करती रहेगी कांग्रेस

इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने नोएडा ग्रेटर नोएडा के जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा करते हुए 21 अक्टूबर 2011 को ग्रेटर नोएडा के तीन गांवों का अधिग्रहण रद कर दिया था बाकी सभी मामलों में अथारिटी को भूस्वामी किसानों को 64.7 फीसद बढ़ा हुआ मुआवजा और 10 फीसद विकसित भूखंड देने का आदेश दिया था। सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दाखिल अथारिटी और किसानों की याचिकाएं खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाई थी और अथारिटी को तत्काल आदेश पर अमल करने को कहा था। याचिकाकर्ता किसानों की शिकायत है कि अथारिटी ने अभी तक आदेश का पालन नहीं किया है।

पढ़ेंः भूमि अधिग्रहण कानून मामले में जनता की जीत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.