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भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन का आयोजन करने में भारत को गर्व : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत अ‍फ्रीका समिट 2015 का आयोजन दिल्‍ली में होने पर खुशी जाहिर की है। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा है कि वह इसके आयोजन को लेकर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने लिखा है कि यह समिट दोनों के रिश्‍तों को और मजबूत करने

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2015 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2015 02:13 PM (IST)
भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन का आयोजन करने में भारत को गर्व : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत अफ्रीका समिट 2015 का आयोजन दिल्ली में होने पर खुशी जाहिर की है। पीएम ने अपने ट्वीट में कहा है कि वह इसके आयोजन को लेकर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि यह समिट दोनों के रिश्तों को और मजबूत करने में सहायक साबित होगा। इसमें कई अफ्रीकी नेता शामिल हो रहे हैं।

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पीएम मोदी ने लिखा है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध बेहद एतिहासिक रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में भारत सबसे बड़ा निवेशक भी है। उन्होंने यह भी कहा कि हालके कुछ वर्षों में यह दोनों देशा के बीच व्यापार बढ़ा है। अफ्रीका महाद्वीप के 54 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों, जिनमें करीब 40 देशों के शासनाध्यक्षों के साथ साथ ताकतवर अफ्रीकी संघ के पदाधिकारियों के भी इस चार दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। सम्मेलन 26 अक्तूबर को शुरू होगा।

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प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्विट में कहा, ‘‘इंडियाअफ्रीका2015 से मेलजोल का स्तर अप्रत्याशित तौर पर काफी उंचा होगा। कई अफ्रीकी नेता इसमें भाग लेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंडियाअफ्रीका2015 के आयोजन की तैयारी में दोस्ती और व्यापार को बढ़ाने के लिये कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।’’ अफ्रीकी देशों के साथ तेल और गैस क्षेत्र में व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाना, समुद्री क्षेत्र में सहयोग मजबूत करना और कुल मिलाकर दोनों पक्षों के बीच आपसी मेलजोल को नये उंचे स्तर पर पहुंचाना इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है।

भारत और अफ्रीका के बीच वर्तमान व्यापार करीब 75 अरब डालर के आसपास है। पिछले चार साल के दौरान भारत ने यहां 7.5 अरब डालर की विभिन्न विकास एवं क्षमता विस्तार परियोजनाओं के लिये अनुदान दिया है। इस दौरान भारत ने 41 अफ्रीकी देशों में 137 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया है।

भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में मुख्य जोर व्यापारिक रिश्तों को बढ़ाने पर होगा। सम्मेलन में अफ्रीकी देशों के अलावा देश के सभी प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों से 400 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। अफ्रीका में तंजानिया, सूडान, मोजाम्बीक, केन्या और युगांडा सहित कई देशों में तेल एवं गैस के व्यापक भंडार है। भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिये इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करना चाहता है। इसके अलावा सामुद्रिक क्षेत्र में मजबूत भागीदारी भी सम्मेलन का दूसरा मुख्य केन्द्र होगा। अफ्रीकी देशों के साथ उर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, ढांचागत सुविधाओं, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में संभावनायें तलाशने पर भी बातचीत होगी।


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