'NJAC के जरिए जजों की नियुक्ति पर कंट्रोल रखना चाहती थी सरकार'
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार द्वारा गठित एनजेएसी को असंवैधानिक करार देने के बाद सरकार के पक्ष और विपक्ष में कई आवाजें उठने लगी हैं। पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार द्वारा गठित एनजेएसी को असंवैधानिक करार देने के बाद सरकार के पक्ष और विपक्ष में कई आवाजें उठने लगी हैं। पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि इसके जरिए सरकार जजाें की नियुक्ति को अपने हाथों में लेना चाहती थी।
मीडिया द्वारा इस विषय पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भूषण ने कहा कि सरकार जजों की नियुक्ति पर अपना पूरा कंट्रोल चाहती थी। हालांकि उन्होंने माना कि कॉलेजियम सिस्टम में भी काफी कुछ दिक्कतें हैं। उनका कहना था कि इसमें पारदर्शिता की कमी के साथ-साथ भाई-भतीजावाद भी अधिक है। उन्होंने एनजेएसी पर दिए गए कोर्ट के आदेश स्वागत किया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह इसको कंट्रेाल में लेकर जवाबदेही को खत्म कर देना चाहती थी।
जानें क्या है एनजेएसी और कॉलेजियम
मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि न्यायपालिका में किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी बरकरार रखना बेहद जरूरी है। यही बात सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में भी कही है।
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