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रेल नीर घोटाला: प्रभु ने दो अधिकारी किए सस्पेंड बोले- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में रेल नीर की जगह सस्ते पानी की आपूर्ति करने के मामले में रेल मंत्री सुरेश प्रभु कड़ी कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। रेल मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है। रेल मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में

By T empEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2015 08:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2015 01:09 PM (IST)
रेल नीर घोटाला: प्रभु ने दो अधिकारी किए सस्पेंड बोले- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली। शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में रेल नीर की जगह सस्ते पानी की आपूर्ति करने के मामले में रेल मंत्री सुरेश प्रभु कड़ी कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। रेल मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है। रेल मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि सीबीआइ ने जिन अधिकारियों के यहां कल रात रो रेड डाली थी उन अधिकारियों के सस्पेंड कर दिया गया है।

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आपको बता दें कि कल रात को सीबाआइ ने इस रोल नीर स्कैम का खुलासा किया था। जिसमें फर्मो के ठिकानों पर छापे के दौरान सीबीआइ ने 20 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से शताब्दी और राजधानी समेत प्रीमियम ट्रेनों में बोतलबंद पानी सप्लाई करने वाली ये फर्मे रेल नीर की जगह सस्ता पानी सप्लाई करते थे।

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सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार उत्तरी रेलवे के कैटरिंग विभाग ने दिल्ली की सात फर्मो को ट्रेनों में बोतलबंद पानी सप्लाई करने का ठेका दिया था। लेकिन उनके लिए राजधानी, शताब्दी और अन्य प्रीमियम ट्रेनों में आइआरसीटीसी के रेल नीर ब्रांड का पानी सप्लाई करना अनिवार्य कर दिया गया था। रेल नीर इन्हें 10.50 रुपये प्रति बोतल के हिसाब के पानी सप्लाई करता था, जिसे वे ट्रेनों में 15 रुपये बेचते थे।

लेकिन रेल नीर लेने के बजाय इन फर्मो ने पीडीडब्ल्यू नाम के ब्रांड का सस्ता पानी इन ट्रेनों में सप्लाई करना शुरू कर दिया। ये पानी बाजार में प्रति बोतल 5.70 से सात रुपये में मिलती है। इस तरह प्रति बोतल वे आठ रुपये से अधिक की कमाई कर रहे थे। आइआरसीटीसी ने उत्तरी रेलवे के कैटरिंग विभाग को रेल नीर सप्लाई नहीं होने की शिकायत भी की। पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

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सीबीआइ ने तत्कालीन चीफ कामर्सियल मैनेजर (कैटरिंग) एमएस चालिया और संदीप सिलास के साथ-साथ सातों निजी फर्मो के ठिकानों पर छापा मारा।

सीबीआइ ने आरोपी फर्मो और अधिकारियों के दिल्ली और नोएडा स्थित 13 ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस मामले में सीबीआइ ने किसी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

इन फर्मों के खिलाफ हुआ है केस दर्ज

आरके एसोसिएट्स, सत्यम कैटरर्स, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएट्स, सनसाइन, वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स और फूड व‌र्ल्ड का नाम शामिल है।


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