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गीता ने फोटो से पहचाना अपना परिवार, DNA टेस्ट के बाद लौटेगी घर

पिछले 12 सालों से अपने परिवार से मिलने का इंतजार कर रही गीता आखिरकार अपने परिवार से मिल सकेगी। इस बात की पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की। उन्होंने ट्विट कर कहा कि गीता अब पाकिस्तान से भारत आ सकेगी और डीएनए होने के बाद उसको परिवार के सुपुर्द

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2015 01:25 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2015 08:59 AM (IST)
गीता ने फोटो से पहचाना अपना परिवार, DNA टेस्ट के बाद लौटेगी घर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।एक दशक पहले गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चली गई गीता के स्वदेश लौटने के दिन बेहद नजदीक आ गए हैं। भारत सरकार के सहयोग से गीता के माता पिता का पहचान कर ली गई है। गीता के माता पिता के बिहार में होने की संभावना है। वैसे इस बारे में डीएनए जांच के बाद ही गीता को उसके माता पिता को सौंपा जाएगा। मूक बधिर 23 वर्षीय गीता अभी करांची में ईधी फाउंडेशन की देख रेख में रह रही है।विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विट कर यह जानकारी कि 'गीता को जल्द ही भारत लाया जाएगा। उसके परिवार की पहचान कर ली गई है।

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डीएनए परीक्षण के बाद गीता को उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।' पाकिस्तान स्थित ईधी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने भी इस बात की तसदीक की है कि गीता के परिवार की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही उसके परिवार के पास भेज दिया जाएगा।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बाद में शाम को बताया कि, गीता भारत की बेटी है और उसके माता पिता का पता चलता है या नहीं, यह अलग बात है। लेकिन उसे भारत जरुर लाया जाएगा। वैसे जब से गीता की कहानी के बारे में सरकार को पता चला है तभी से उसके असली माता पिता की खोज खबर की जा रही है। इस बारे में सरकार को कई लोगों ने गीता के अपनी बेटी या परिवार का हिस्सा होने का दावा करते हुए पत्र भेजा था। इन सभी पत्रों को संबंधित राज्यों को भेज दिया गया था कि वहां की सरकारें इस पर अपने स्तर पर जांच करें। राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर करांची स्थित गीता को तीन लोगों के बारे में सूचनाएं, फोटोग्राफ आदि भेजे गये थे। गीता ने इसमें से एक फोटो की पहचान कर ली है।

लेकिन सरकार अंतिम फैसला डीएनए के बाद ही करेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बहुत जल्द ही गीता भारत लौटेगी, किस दिन वह लौटेगी इसकी घोषणा समय पर की जाएगी लेकिन इसमें ज्यादा देरी नहीं होगी। वैसे केंद्र सरकार ने दिल्ली और इंदौर स्थिति दो संस्थानों को चयन भी किया है जहां गीता को उसके परिवार के बारे में अंतिम फैसला होने तक रखा जा सकेगा। माना जा रहा है कि सरकार ने बिहार स्थित एक दंपत्ति और उनके बच्चों के फोटोग्राफ गीता को भेजे थे जिसे उसने अपने परिवार के तौर पर पहचान कर ली है। सनद रहे कि गीता को आज से एक दशक पहले पाकिस्तान रेंजर्स के सिपाहियों ने समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठे हुए पाया था। गीता न बोल सकती है और न ही सुन पाती है। ऐसे में पाक रेंजर्स ने उसे स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को सौंप दिया था। हाल ही में हिंदी फिल्म बजरंगी भाईजान की सफलता के बाद गीता की कहानी सामने आई। उसके तत्काल बाद विदेश मंत्री स्वराज ने ईस्लामाबाद स्थित उच्चायुक्त टीसीए राघवन को गीता से मिल कर सही स्थिति का पता लगाने का निर्देश दिया था।

सुषमा स्वराज का ट्वीट

गीता ने अपने परिवार को पहचाना

भारतीय दूतावास ने गीता के परिवार का पता लगाया है। वह बिहार से है और बोल और सुन नहीं सकती। 2 अक्तूबर को भारतीय दूतावास की भेजी हुई तस्वीर में गीता ने अपने परिवार के सदस्यों को पहचाना और आने वाले कुछ दिनों में गीता को कराची से नई दिल्ली लाया जाएगा।

कबीर खान और सलमान खान ने भी की मदद की कोशिश

गीता को पाकिस्तान की मशहूर समाज सेविका बिलकिस एधी ने पाला और उसे गीता नाम दिया और आज 23 साल की गीता इसी नाम से जानी जाती है। फिल्म 'बजरंगी भाईजान' से गीता की कहानी काफी मिलती जुलती है। जैसे कबीर खान के बजरंगी भाईजान ने शाहिदा को घर पहुंचाया, ठीक वैसे ही निर्देशक कबीर खान और सलमान खान तक ने गीता की मदद करनी चाही।

सीमा पार करके गलती से पाकिस्तान में दाखिल हुईं गीता

ऐसा माना जाता है कि गीता बचपन में गलती से सीमा पार करके पाकिस्तानी क्षेत्र में दाखिल हो गई थी। यहां मिलने वाली खबरों के अनुसार, आज से 15 साल पहले जब लाहौर रेलवे स्टेशन पर वह पाकिस्तानी रेंजर्स को मिली, तब उसकी उम्र सात-आठ साल थी। फिलहाल वह कल्याणार्थ संस्था ईदी फाउंडेशन के संरक्षण में है।

चार परिवारों ने किया गीता के बेटी होने का दावा

पंजाब, बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश के चार परिवारों ने दावा किया था कि गीता उनकी बेटी है, लेकिन अब गीता ने अपने परिवार को पहचान लिया है।


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