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कॉल ड्रॉप हुई तो हर्जाना भरेंगी टेलीकॉम कंपनियां

दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सख्त तेवरों को देखते हुए कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे ग्राहकों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। ट्राई अगले एक-दो दिनों में कॉल ड्रॉप नहीं रोक पा रहीं टेलीकॉम कंपनियों पर हर्जाना लगाने का एलान कर सकता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2015 04:11 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2015 04:19 AM (IST)
कॉल ड्रॉप हुई तो हर्जाना भरेंगी टेलीकॉम कंपनियां

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सख्त तेवरों को देखते हुए कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे ग्राहकों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। ट्राई अगले एक-दो दिनों में कॉल ड्रॉप नहीं रोक पा रहीं टेलीकॉम कंपनियों पर हर्जाना लगाने का एलान कर सकता है। नियामक ने प्रति कॉल ड्रॉप पर ग्राहकों को एक रुपये की भरपायी करने का नियम लागू करने का मन बना लिया है। इसके अलावा ट्राई ने खराब सेवाओं के लिए मोबाइल ऑपरेटरों पर जुर्माने की राशि भी बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है।

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कॉल ड्रॉप पर ट्राई की तरफ से गठित समिति की रिपोर्ट देने की गुरुवार को अंतिम तारीख थी। देर रात नियामक ने दिल्ली व मुंबई शहरों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर कॉल ड्रॉप की रिपोर्ट जारी कर दी है। सूत्रों के मुताबिक कंपनियों पर हर्जाना लगाने को लेकर ट्राई के सुझाव शुक्रवार को सार्वजनिक किए जा सकते हैं। ट्राई ने इसकी सिफारिश की है कि अगर ग्राहकों को कॉल ड्रॉप की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है तो उसकी आर्थिक भरपायी की जानी चाहिए। कुछ मामलों में प्रति कॉल एक रुपये तक की भरपायी का सुझाव है। कॉल ड्रॉप होने पर ग्राहकों को अतिरिक्त कॉल की अवधि उपलब्ध कराने या पुरानी के बदले शुल्क नहीं लगाने का रास्ता अख्तियार किया जा सकता है।

रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि सरकार और टेलीकॉम कंपनियों के तमाम दावे के बावजूद देश में कॉल ड्रॉप की समस्या दिनों दिन खराब होती जा रही है। ट्राई ने जुर्माना लगाने का फैसला भी इसी स्थिति को देखकर लिया है। यह पेनाल्टी उन हालात में लगेगी, यदि टेलीकॉम कंपनी की औसत कॉल ड्रॉप सर्किल में कुल ट्रैफिक के दो फीसद से ज्यादा रहती है।

पढ़ेंः सरकार कॉल ड्राप पर गंभीरता से कर रही है विचार: रविशंकर प्रसाद

दिल्ली की तीन टेलीकॉम कंपनियां- एयरटेल, वोडाफोन और एयरसेल बेहतर सेवा नहीं दे पा रही हैं। वोडाफोन और एयरसेल के नेटवर्क में कॉल ड्रॉप की समस्या तो पहले से भी ज्यादा हो चुकी है। बुधवार को वोडाफोन समूह के सीईओ विटोरियो कोलाओ वित्त मंत्री अरुण जेटली और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिले, तो उन्हें नेटवर्क की खामी को लेकर शिकायतें सुनने को मिली। ट्राई की ताजा रिपोर्ट ने इसकी तसदीक भी कर दी कि देश की इस दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर के नेटवर्क में ज्यादा समस्या है। खास बात यह है कि दिल्ली में आइडिया, रिलायंस और टाटा टेलीसर्विसेज की सेवा की गुणवत्ता में पहले से सुधार हुआ है।

कॉल ड्रॉप की समस्या से आम जनता परेशान है। सरकार भी इससे खासी असहज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर चिंता जता चुके हैं। संचार मंत्रालय इस बारे में हर हफ्ते मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों से बात भी कर रहा है। बिहार चुनाव में मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल लगातार कॉल ड्रॉप का मुद्दा उछाल रहे हैं।

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